Home डेली न्यूज़ बिलासपुर में महिला आयोग की जनसुनवाई में पहुंचे 30 मामले

बिलासपुर में महिला आयोग की जनसुनवाई में पहुंचे 30 मामले

28
0
Jeevan Ayurveda

बिलासपुर

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने एक मामले में आयोग ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए हस्तक्षेप से इंकार कर दिया। मामला ये कि पत्नी ने अपने पति के खिलाफ शिकायत की थी कि उसने बिना तलाक लिए ही दूसरी शादी कर ली है।

Ad

सुनवाई के दौरान पति भी उपस्थित हुआ, जिसने आयोग के समक्ष ये बात स्वीकार की और यह भी बताया कि उसकी पहली पत्नी ने भी दूसरी शादी कर ली है। आयोग ने माना कि इस मामले में दखल देने से चार जिंदगियां बर्बाद हो जाएंगी। इस टिप्पणी के साथ आयोग ने मामले को नस्तीबद्ध किया और अब इस पर आगे कार्रवाई नहीं की जाएगी।

जनसुनवाई में आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य सरला कोसरिया और लक्ष्मी वर्मा ने महिलाओं की फरियाद सुनकर उनका निराकरण करने का प्रयास भी किया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही।

साथ ही महिलाओं को न्याय और राहत दिलाने का प्रयास किया। इस दौरान कुल 30 प्रकरणों को सुनवाई के लिए रखा गया था। अधिकांश मामलों का निराकरण किया गया। वहीं कुछ मामलों में चेतावनी देने के साथ ही विभागों को आगे की कार्यवाही के लिए पत्र प्रेषित किया गया।

नौकरी लगने के नाम ठगी के मामले में दी चेतावनी
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिपिक ने महिला को शासकीय नौकरी पर लगवाने का झांसा देकर दो लाख 10 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर ली। नौकरी न लगने पर महिला ने लिपिक से रुपये लौटाने की मांग कर रही थी, लेकिन आरोपित लिपिक महिला को लगातार गुमराह कर रहा था।

महिला ने मामले की शिकायत महिला आयोग में की थी। शिकायत पर सुनवाई करते हुए महिला आयोग ने कहा कि आरोपित शासकीय सेवा में होते हुए भी यदि लोगों को धोखा देकर पैसा वसूल रहे हैं, तो सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के उसकी सेवा समाप्त की जा सकती है।

यह समझाइश मिलने पर लिपिक ने आवेदिका के बकाया एक लाख रुपये एकमुश्त वापस करने के लिए समय मांगा। आयोग ने उन्हें 13 दिसंबर का समय दिया है। रायपुर में लिपिक अगर एक लाख रुपये लेकर उपस्थित होकर आवेदिका को प्रदान करेंगे। यदि वह 13 दिसंबर की सुनवाई में अनुपस्थित रहते हैं, तब ऐसी दशा में अनावेदक कमांक की सेवा समाप्ति के लिए अनुशंसा की जाएगी।

इन मामलों में भी हुई सुनवाई
    पति की मृत्यु के बाद संपत्ति विवाद में उलझे दो परिवारों ने रायपुर में सुलहनामे पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने बीमा और जमा राशि के बंटवारे के साथ, इलाज में खर्च हुई रकम लौटाने का भी निर्णय लिया।
    संपत्ति विवाद से जुड़े एक अन्य मामले में आयोग ने दोनों पक्षों को उच्च न्यायालय में लंबित याचिका के दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
    आयोग ने पति-पत्नी के बीच सुलह कराने के बाद सखी वन स्टाप सेंटर को उनकी निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी। इस पहल का मकसद उनकी नई शुरुआत को समर्थन देना है।

अगली सुनवाई रायपुर में होगी
राज्य महिला आयोग की अगली सुनवाई रायपुर में 13 दिसंबर को होगी। लंबित मामलों पर पक्ष सुनने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

Jeevan Ayurveda Clinic

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here