Home अध्यात्म अष्टमी–नवमी 2025: कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व

अष्टमी–नवमी 2025: कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, विधि और महत्व

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शारदीय नवरात्रि 2025 का पर्व 22 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. इस साल अष्टमी और नवमी तिथियों का विशेष संयोग बन रहा है, जो कन्या पूजन के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस पवित्र दिन का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए भी है. जानिए इस साल कब और किस समय करें कन्याओं का पूजन, साथ ही पूजा की पूरी विधि और जरूरी टिप्स.

अष्टमी और नवमी का शुभ मुहूर्त

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अष्टमी तिथि: 29 सितंबर शाम 4:31 बजे से 30 सितंबर शाम 6:06 बजे तक.

नवमी तिथि: 30 सितंबर शाम 6:06 बजे से 1 अक्टूबर रात 7:01 बजे तक.

कन्या पूजन का ब्रह्म मुहूर्त

अष्टमी: सुबह 4:37 बजे से 5:25 बजे तक

नवमी: सुबह 4:37 बजे से 5:26 बजे तक

विशेषज्ञों के अनुसार, अष्टमी और नवमी के शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन करने से माता दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है. अष्टमी के दिन शक्ति का विशेष संचार होता है और नवमी के दिन विजयदशमी के साथ इसका फल और भी अधिक प्रभावशाली माना जाता है.

कन्या पूजन की विधि और महत्व

कन्या पूजन देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक है. घर में इस दिन कन्याओं का सम्मान करना केवल परंपरा नहीं बल्कि माता के प्रति श्रद्धा और भक्ति का वास्तविक रूप है.

कन्याओं का स्वागत: घर में 9 कन्याओं को आमंत्रित करें और उनका हृदय से स्वागत करें.

पैर धोकर सम्मान: कन्याओं के पैरों को धोकर साफ करें और चरणामृत ग्रहण करें. इसे करने से घर में पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा आती है.

भोजन और प्रसाद: हलवा, चना, पूरी, मिठाइयां आदि परोसें. भोजन भले ही साधारण हो, लेकिन सच्चे मनोभाव से किया गया पूजन अत्यंत फलदायी होता है. दान करते समय शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें.

आरती और प्रार्थना: कन्याओं की आरती करें और माता दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करें. यह घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने का सबसे सरल उपाय है.

क्यों है यह खास
कन्या पूजन में नौ कन्याओं का पूजन, देवी के नौ रूपों की पूजा के समान माना जाता है. अष्टमीनवमी का पूजन न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि घर और परिवार के लिए सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य का स्रोत भी है. विशेषज्ञों का कहना है कि अष्टमीनवमी के शुभ समय में किया गया पूजन बच्चों और कन्याओं के लिए भी आशीर्वाद लेकर आता है.

पूजन का आध्यात्मिक महत्व
अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करने से माता दुर्गा के शक्ति-संपन्न रूप का आशीर्वाद मिलता है. यह विशेष दिन देवी की कृपा से घर में समृद्धि, शांति और खुशहाली लाता है. साथ ही यह परिवार में सद्भाव और आपसी प्रेम को भी बढ़ाता है. इस वर्ष 2930 सितंबर और 1 अक्टूबर को अष्टमीनवमी के शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन करना अत्यंत फलदायी माना गया है, इस दिन कन्याओं का सम्मान, दान और आरती करने से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुखशांति और समृद्धि आती है. इस अवसर को अवश्य अपनाएं और माता की असीम कृपा का अनुभव करें.

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